शनिवार, 26 जनवरी 2008

लाख और खाक

पिछले हफ्ते जो कुछ भी स्टाक बाजार में हुआ, एक झक-झोरने वाले सच से ज्यादा दुर नहीं था । डे ट्रेडींग करने वालों के लिए तो मानो खुन कि होली ही था ।
छोटे निवेशको का भी बुरा हाल रहा । इन सब से तो एक ही सीख मिलती है कि बिने सोचे समझे सटॉक बाजार में पैसा लगाना सट्टे बाजी से कम नहीं ।

और आज बाजार एक कीर्तिमान बनाते हुए, एक दिन मे 1000 से ज्यादे कि उछाल के साथ जब बंद हुआ , तो मानो लगा ही नही कि दो दिन पहले ही बाजार मे मातम का माहौल था । निवेशको का विश्वास लौटने मे कुछ समय तो जरुर लगेगा । भारत की आर्थिक-स्थिति , जानकारों के नजर मे इस साल अच्छी रहने कि संभावना है , इस कारण बाजार में इस साल भी हलचल बनी रहेगी ।

शुक्रवार, 25 जनवरी 2008

भारतरत्न की राजनीति

भारतरत्न - हम भारतीयों के लिए एक ऐसा पद है, जिसके सामने हम नतमस्तक हो जाते है, हम भारतीय उनमें अपना आदर्श ढुँढते हैं । लेकिन इनदिनों इस पद के लिए जो रस्साकशी मची हुई है, उससे इस पद की गरीमा को ठेस पहुँच रही है । राजनीतिक दलों को इसकी कोई परवाह नही हैं । उन्हे तो सिर्फ उपने को सबसे आगे ले जाने की होङ मची है ।
ये प्रश्न सबके मन मे हैं कि अगला भारतरत्न किसे मिलना चाहीए, लकिन इसमे दो राय नही की ये आजकल के राजनीतिको पे नहीं छोङा जा सकता ।

बुधवार, 9 जनवरी 2008

भारत की सिडनी जीत

आखिरकार आईसीसी को सच्चाई के सामने झुकना ही पङा । शायद इसे कुछ लोग इसे घनी बीसीसीआई के सामने आईसीसी का नतमस्तक होना कहे या फिर दो देशों के बीच एक बङा विवाद पर पुर्ण-विराम लगाने कि कोशीश कहे । मेरा यह मानना है कि आज क्रिकेट और भारत की वर्षों पुरानी रंग भेद के संघर्ष की फिर जीत हुई है ।
खेल को युद्घ मे बदलने की रिकी पौन्टींग कि कोशिश को एक करारा जवाब मिला है । आज औस्ट्रेलिया के लोग हि रिकी पौन्टींग के दुर्योघन-नीति को अस्वीकार कर दिया है । खेल अगर खेल कि भावना से ना खेला जाए , इसका नजारा तो सारी दुनिया ने सिडनी टेस्ट मे देखा है । और अब रिकी पौन्टींग को शायद ये समझ आ जाए कि क्रिकेट प्रेमीयों ने चाहे औस्ट्रेलियाई हो या भारतीय , सिर्फ एक सभ्य तरीके का खेल देखना चाहती है ।