आखिरकार आईसीसी को सच्चाई के सामने झुकना ही पङा । शायद इसे कुछ लोग इसे घनी बीसीसीआई के सामने आईसीसी का नतमस्तक होना कहे या फिर दो देशों के बीच एक बङा विवाद पर पुर्ण-विराम लगाने कि कोशीश कहे । मेरा यह मानना है कि आज क्रिकेट और भारत की वर्षों पुरानी रंग भेद के संघर्ष की फिर जीत हुई है ।
खेल को युद्घ मे बदलने की रिकी पौन्टींग कि कोशिश को एक करारा जवाब मिला है । आज औस्ट्रेलिया के लोग हि रिकी पौन्टींग के दुर्योघन-नीति को अस्वीकार कर दिया है । खेल अगर खेल कि भावना से ना खेला जाए , इसका नजारा तो सारी दुनिया ने सिडनी टेस्ट मे देखा है । और अब रिकी पौन्टींग को शायद ये समझ आ जाए कि क्रिकेट प्रेमीयों ने चाहे औस्ट्रेलियाई हो या भारतीय , सिर्फ एक सभ्य तरीके का खेल देखना चाहती है ।
बुधवार, 9 जनवरी 2008
भारत की सिडनी जीत
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