ब्रिटेन ने भारत को 0-2 से हॉकी क्वालिफाइंग मैच मे हरा कर, ओलंपिक के सपने को ध्वस्त कर दिया । वैसे भी क्रिकेट के बढते प्रभाव से , हॉकी पिछङ रहा है , और उपर से ये हार । भारतीय खेल-प्रेमीयों के लिये ये एक बङे सदमे से कम नहीं ।
भारतीय हॉकि संघ को इस पर गंभीर आत्म-मंथन करने कि जरुरत है । हॉकी कोच का इस्तीफा तो शायद इस समस्या कि एक झलक मात्र है । टीम की आंतरीक कलहों का समाचार तो हमें आये दिन मिलता रहता है । इन सब से खिलाङीयों का मनोबल तो गीरता है, उनके खेल पर भी असर पङता है ।
अब जरुरत है कि सभी पक्षों को साथ में बैठ कर इस पर विचार करना पङेगा । हॉकी के गौरवशाली इतिहास को बचाए रखने के लिये , एक सम्यक प्रयास ही कारगर साबित हो सकता है ।
सोमवार, 10 मार्च 2008
हॉकी का अंत ?
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